कशमाकश युग / या कलयुग आला रे .. आला !
माँ सुभद्रा कुमारी चौहान , बाबा परसाई से प्रार्थना !
साथ...!
ह्रदय जब व्याकुल होता है, आकुलता का नभ चुनता है